Posts

Showing posts from February, 2021

डर की राजनीति

सत्तालोलुपता सरकारों में असुरक्षा का डर पैदा करती है, जिसके फलस्वरूप ऐसी सरकारों की यह कोशिश रहती है कि लोकतंत्र में बोलने वालों को, सही और गलत का पर्दाफाश करने वालों को भी डराया जाय। डरा कर उन पर अंकुश लगाया जाय की वे सवाल न करें। सरकार मीडिया को डरा कर अपने नियंत्रण में लेती है। डरा हुआ मीडिया का डरे हुए पत्रकार की टोली होती है और यह डरा हुआ पत्रकार मरा हुआ नागरिक पैदा करता है।  इसी लिए बोलने वालों को पुलिस द्वारा उठवा लिया जाता है, सूचीबध धाराओं के तहत FIR दर्ज किए जाते है, नौकरी से हटवाए जाते है जिनके कारण हमारी नागरिकता को कमज़ोर की जाती है। लोकतंत्र में नागरिक का दायित्व निभाने के लिये जानना और पूछना हर नागरिक की दो बुनियादी ज़रूरते हैं। जो नागरिक डर के कारण सवाल करने से परहेज़ करते है वे भूल जाते है कि देश संविधान से चलता है, न कि देश के शीर्ष पर बैठे लोगों की मनमानी से। एक नागरिक होते हुए भी हम डरते तब है जब हम अपने अधिकारों से या तो परिचित नहीं होते या हम अपने अधिकारों को कम जानने लगे हैं, अपने इरादों को, अपने भावनाओं को हम कम पहचानने लगे हैं। एक नागरिक डरता ही तब है जब वह खुद अप

हमारे पूर्व उपराष्ट्रपति महम्मद हामिद अंसारी

हमारे पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी एक बरिष्ट विद्वान भारतीय नागरिक है। उन्होंने संविधान द्वारा हर नागरिक को बिना किसी भेदभाव के प्रदान की जाने वाली अवसरों को अपने काबिलियत से अपने जीवन काल मे उच्चतम मुकाम हासिल किया। इसमे बहुसंख्यकों का किसी भी तरह का एहसान नही है।  राष्ट्रवाद के नाम पर देश को बहुसंख्यकवाद और तानाशाही के तरीकों को इस तरह कभी नही परोसा गया जैसा कि आजकल हो रहा है। आज का राष्ट्रवाद एक दुश्मन ढूंढता है। आज का राष्ट्रवाद देश प्रेम को साबित करने के लिए भी दुश्मन ढूंढता है। चरम राष्ट्रवाद हमे आक्रामकता की ओर धकेलती है, देश भक्ति देशप्रेम की ओर. जिस तरह से आज भाषा, धर्म और संस्कृति के नाम पर एकरूपता या uniformity का प्रचार किया व परोसा जा रहा है यह अब हमारे  national life का हिस्सा बन गया है। लोग इस तरह के कलुषित मानसिकता का शिकार हो रहे है जहां एक ही तरह के नारे होते है, एक ही तरह की भाषा, खान पान व पहनावा होगा और यह हम सब जान रहे है कि वह किस तरह की होगी जबकि विविधता हमारे देश की एक सच्चाई है। विविधता को रौंदने का प्रयास का मतलब संविधान की हत्या का प्रयास -- जो शुरू हो चु

Cheap Acts of Distancing Farmers

No use now crying foul on the previous government. People have punished and rejected them so badly for their misdeeds that they are into insignificant numbers. On the contrary the nation has been cheated again by the present government too. The entire 2014 to 2019 was wasted on demonetization which failed, feet licking the opposition mainly of Sonia Gandhi to help implement GST which BJP themselves opposed while in opposition, more than 300 amendments issued for GST later by the government for not doing their proper homework before implementation of GST. BJP has been more busy in Hindu Muslim, Mandir Masjid narratives, writing off NPAs than devising ways for their recovery. Farmers were still committing suicide. BJP cheated the farmers by not giving them full MSP till date as per Swaminathan Committee recommendations but helped the corporates instead. Farmers are not fools or less knowledgeable. So keep the allegations aside that they are being misguided by the insignificant oppositi